मंकी पॉक्स के खतरे से किया राज्यों व यूटी को आगाह
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मंकी पॉक्स के खतरे से किया राज्यों व यूटी को आगाह

मंकी पॉक्स के खतरे से किया राज्यों व यूटी को आगाह

मंकी पॉक्स के खतरे से किया राज्यों व यूटी को आगाह

यदि किसी को आंखों में दर्द है, धुंधला दिखाई दे रहा है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है, छाती में दर्द है, दौरे पड़ रहे हैं या व्यक्ति  होश खो रहा है, एकदम से पेशाब की मात्रा घट गई है तो तुरंत प्रभाव से डॉक्टर को दिखाने की जरूरत
-इस बीमारी में बुखार चढ़ता है, स्किन पर रैश होते हैं जो चेहरे से बांह, टांग व हथेलियों तक फैल जाते हैं, लिंफ नोड भी बढ़ जाता है। सिर दर्द के साथ मांसपेशियों में दर्द व थकान हो सकती है, गला खराब व खांसी भी हो सकती है

चंडीगढ़, 19 जुलाई (साजन शर्मा)
भारत में मंकी पॉक्स का केस मिलने के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्यों व यूटी को चेतावनी भेजी जा रही है। जारी की गई एडवाइजरी में इस  तरह के लक्ष्ण किसी मरीज में दिखते ही एहतियात बरतने की अपील की गई है। तुरंत प्रभाव से इन रोगियों को आइसोलेशन में भर्ती करने का निर्देश है। इन लक्ष्णों में यदि किसी को आंखों में दर्द है व धुंधला दिखाई देने लगा है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। छाती में दर्द है। दौरे पड़ रहे हैं या व्यक्ति  होश खो रहा है। एकदम से पेशाब की मात्रा घट गई है तो तुरंत प्रभाव से ध्यान देने व डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। केंद्र की एडवाइजरी में कहा गया है कि मंकी पॉक्स उन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है जिन्हें को-मोरबिडिटी यानि दूसरी बीमारियां हैं या जिनका इम्यून कंप्रोमाइज्ड है। मंकी पक्ष के अन्य लक्षण हैं कि इसमें बुखार चढ़ता है। स्किन पर रैश होते हैं जो चेहरे से बांह, टांग व हथेलियों तक फैल जाते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों पर भी हो जाते हैं। लिंफ नोड भी बढ़ जाता है। सिर दर्द के साथ मांसपेशियों में दर्द व थकान भी रह सकती है। गला खराब रह सकता है व खांसी भी हो सकती है।


कई तरीके से फैल सकता है संक्रमण
यहां बता दें कि मंकी पॉक्स ह्यूमन टू ह्यूमन कांटेक्ट से फैलता है। बीमारी से संक्रमित व्यक्ति से सीधा संपर्क हो या उसके बॉडी फलुइड के संपर्क में आए। ऐसे व्यक्ति से सेक्सुअल कांटेक्ट हो या उसके जख्म से रिसाव के कांटेक्ट में व्यक्ति आए, इनडायरेक्टर कांटेक्ट जिसमें संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों, चादर इत्यादि के जरिये, जो संक्रमित व्यक्ति के ज्यादा देर कांटेक्ट में रहे और रेस्परेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिये फैल सकता है। केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि ऐसे संक्रमित व्यक्ति का आइसोलेशन में इलाज होना चाहिए। उसके आसपास के एरिया में मॉस्क लगाना चाहिए व स्किन पर जख्मों को शीट या गाउन से ढक़ना चाहिए। तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के बैडिंग, कपड़ों, तौलिये इत्यादि
को नहीं छेडऩा चाहिए। साबुन से व सेनीटाइजर से लगातार हाथ धोते रहने चाहिए। हेल्थ सेक्रेट्री यशपाल गर्ग के अनुसार लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से व स्वास्थ्य विभाग को भी ऐसे केसों पर नजर रखने के लिहाज से यह एडवाइजरी जारी की गई है। इस बीमारी को लेकर विभाग पूरी तरह चौकन्ना है।